मेरा राम भी तू, मेरा रहीम भी तू
मेरा अल्लाह भी तू, मेरा भगवान भी तू
मेरा गंगासागर भी तू मेरा हज भी तू
मेरा सज़दा भी तू, मेरी आरती भी तू
मेरा दोज़ख भी तू, मेरी जन्नत भी तू .....
मेरी मस्जिद भी तू, मेरा मंदिर भी तू
मेरी पूजा भी तू, मेरी इबादत भी तू
मेरी सुबह भी तू, मेरी रात भी तू
मेरी जिंदगी भी तू, मेरी मौत भी तू
मेरी मोहब्बत भी तू, मेरी नफ़रत भी तू .....
मेरी हिम्मत भी तू, मेरी जरुरत भी तू
मेरी फुर्सत भी तू, मेरी नफरत भी तू
मेरी चाहत भी तू, मेरी अदावत भी तू
मेरी वादी भी तू, मेरी घाटी भी तू
मेरी मंजिल भी तू, मेरी डगर भी तू ...
मेरा दिल भी तू, मेरा दर्द भी तू
मेरा गरूर भी तू, मेरा सरूर भी तू
मेरा दिल भी तू, मेरा दिमाग भी तू
मेरा जूनून भी तू, मेरा फितूर भी तू
मेरा हमसफर भी तू, मेरा कारवां भी तू ....
मेरा सूरज भी तू, मेरा चाँद भी तू
मेरा दिन भी तू, मेरी रात भी तू
मेरा उजाला भी तू, मेरा अँधेरा भी तू
मेरा ईमान भी तू, मेरा अरमान भी तू
मेरा अहसास भी तू, मेरा दुःसाहस भी तू
मेरा मान भी तू, मेरा अपमान भी तू ....
तू नहीं तो कुछ नहीं .... इससे ज्यादा किसी की चाहत नहीं ...
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BY
KAPIL KUMAR
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