नववर्ष
मिले तुझे नववर्ष में यह उपहार , रहे तेरी जिन्दगी गुलज़ार
यूँ तो तुझे चाहत नहीं है , इस चमकती दमकती
चीज़ों की
पर चमके तेरा चेहरा खुशियों से बार बार
जैसे बीता वर्ष छूट गया पीछे , तू भी छोड़
दे अपनी जिद के सलीके
आ नए साल में एक ऐसा जश्न मनाये , हम कौन
है क्या है इसे बस भूल जाए .....
By
Kapil Kumar
No comments:
Post a Comment