Tuesday, 23 August 2016

तेरी सूरत.....


तेरी हर सूरत में मुझे प्यार आता है
 तू है मुझसे क्यों दूर इस बात का जब भी ख्याल आता है 
उभर आता है दर्द एक अंजाना सा
 ना जाने बाजुओ में क्यों गुस्से का एक  उबाल आता है
 शायद यह  कुदरत का सबसे बड़ी सजा है की 
हम दो किनारे है जिनके बीच ज़माने और समय का  फासला है
वरना इतने करीब होकर भी कोई यूँ  भला दूर जाता है 
कहते है वक़्त तो बिछड़ों को भी आने पर मिलाता है 
सोचता हूँ की ग़र  कल मुझे मिल भी जाती 
क्या तू मेरी बनने के लिए फिर भी राजी हो जाती 
उम्र और समाज की दिवार फिर भी हमारे बीच अड़ ही जाती 
कहीं  तू पहले की तरह फिर से पीछे हट जाती 
आने वाला वक़्त इस बार हमें जरुर  मिलाएगा
 तू कितने भी बहाने बना ले 
यह वक़्त जरुर आएगा 
क्योंकि  हर काली रात के पीछे सवेरे का उजाला छिपा  है 
 हम दोनों की एक  मासूम  गलती की हो चुकी पूरी सजा है ......
By
Kapil Kumar 

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