समय क्या है ?
एक बूढ़े लाचार बाप का वो लम्हा
जब उसे अपनी लड़की के लिये लड़का ढूंडना हो ...
एक नेता जो तीन बार हार कर आखरी बार चुनाव लड़े
की इस बार जीत जाये और काउंटिंग उसकी सांस उपर नीचे करे....
वो लम्हा जब एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने के लिये
हज़ारों मील का सफर करके आये
और उसकी सांसे दरवाजे पर दस्तक देती हो ...
वो बच्चा जो दो अटेंप्ट मे एग्ज़ॅम पास ना कर पाया
आज उसका आखरी नतीजा भी आना हो ....
समय वो लम्हा है .....
जो हसीन , तनाव , खुशी , जोश और उम्मीद देता है.....
By
Kapil Kumar

No comments:
Post a Comment