तेरा इरादा ही नहीं था , कभी मेरे करीब आने का
देती रही मुझे झूठे दिलासे , आने वाले हसींन कल का
शायद तुझे पहले से पता था , क्या हाल है मेरे मुस्तक़बिल का .......
पर मेरी मोहब्बत को यूँ इम्तिहान ना लेना
मैं भी हूँ सच्चा आशिक , कोई यूँही ना समझना
तुझे एक दिन, तेरे ही इरादों से ही तुझे चुरा लूँगा ........
By
Kapil Kumar
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