Wednesday 23 December 2015

मोहब्ब्त के नाम .......





यूं बीच रास्ते मे छोड़ कर जाना तो बस तुम्हारी अदा है ....
सारी रात यूं तेरी याद मे तडपना , अब मेरी सजा है 

जिस दिन मुझे अपना समझ लोगी दिल से तुम 
देखना फिर कैसे लगेगा की जीने मे भी मजा है ......


कभी प्यार का इजहार ही कर दो ...
यूं तो हम मिल नही सकते
कुछ सपने मे ही हकीकत साकार कर दो ....


उम्र निकल जायेगी , हाथ से रेत की तरह 
चलो इसे अब मोहब्ब्त के नाम कर दो ...

By
Kapil Kumar 

No comments:

Post a Comment