एक दिल.........
तेरे इंकार मे भी एक अदा है
तेरे इकरार मे भी एक ख़ता है
तू कबूल करती नही
की तेरा दिल भी मुझ पर फ़िदा है ......
मैं सांस लेता हूँ इधर
तेरा दिल धडकता है उधर
दोनो के बीच मे है फासला इतना
फिर भी लगता है ऐसे , दो जिस्मों के बीच
सिर्फ एक दिल ही जुड़ा है .....
By
Kapil Kumar
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