Awara Masiha
A Vagabond Angel
Wednesday, 9 December 2015
मन मंदिर
मुझे मत दोष देना की मैं काफिर क्यों बना .....
मैंने तो हर पत्थर में रब ढूंडा था ......
इसे किस्मत कहूँ या मेरी पसंद ......
मैंने रेत के धरौंदें में अपना मन मंदिर बसाया है ...
By
Kapil Kumar
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment